31 August 2007

परदा

परदा बहुत कुछ कहता है,
परदा कई रूप धरता है,
कभी पर्दा मुखोटा बन जाता है,
कभी आवरण,
शरहद की लाइनें भी परदा है,
परदे के बहुत मायने है,
परदा मर्यादा है,
परदा वादा है,
परदा संजोता है
धरोहर अपने आप में.

पर शब्द परदा नही है
परदा ही शब्दों का रूप धरता है
और कहता है रोज़
कुछ अनकही सी...

9 comments:

Anonymous said...

परदा शब्दो का

आदर इनका परदे मे
प्यार इनका परदे मे
शब्द इन के परदे मे
शब्द नहीं है परदा
ना ही है शब्दो
का कोई परदा
क्या राज है
तुम्हारे परदे का क्योकी
परदा बहुत कुछ कहता है,
परदा कई रूप धरता है,
http://myoenspacemyfreedomhindi.blogspot.com/2007/08/blog-post_31.html

Anonymous said...

परदा शब्दो का

आदर इनका परदे मे
प्यार इनका परदे मे
शब्द इन के परदे मे
शब्द नहीं है परदा
ना ही है शब्दो
का कोई परदा
क्या राज है
तुम्हारे परदे का क्योकी
परदा बहुत कुछ कहता है,
परदा कई रूप धरता है,

Nishikant Tiwari said...

दिल की कलम से
नाम आसमान पर लिख देंगे कसम से
गिराएंगे मिलकर बिजलियाँ
लिख लेख कविता कहानियाँ
हिन्दी छा जाए ऐसे
दुनियावाले दबालें दाँतो तले उगलियाँ ।
NishikantWorld

प्रदीप मानोरिया said...

सुंदर रचना बधाई मेरे ब्लॉग पर आपको स्नेहिल आमंत्रण है

Anonymous said...

आपको सपरिवार दीपावली व नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये

pooja said...

bahut sunder........

pooja said...

bahut sunder.....choti kavita hone k baad b bahut aasardaar haa.......

Unknown said...

nice post.....
Thanks For Sharing

Unknown said...

Your blog is really great. I really like your blog. You are define very well Parda description. These is true.that means your blog is truly based. I shared these poem in Car towing service. These is my Facebook page.