कुछ अनकहा सा बहुत कुछ कह जाता हैं बिना शब्दों के...
30 May 2007
पार्टी टाइम
जरुरी है कि खुशियों के लिए दिन देखा जाये, जरुरी है क्या उस दिन का इंतज़ार करना, जब कुछ हुआ था। क्यों ना हम उन तारीखों के फ़ासलों को कुछ कम करलें, जन्मदिन की पार्टी किसी और दिन भी धरलें, एक वक़्त से पहले, एक वक़्त के बाद ... 13/6/2004
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