06 July 2007

चाह

चाह की कोई सीमा नहीं होती,
चाहते कितनी भी हो सकती हैं।
मन जब मचलता हैं
तो चाहतें जन्म लेती हैं,
पर सच्ची चाहत का जन्म
बिना शर्त होता हैं,
किसी की कमियों को
साथ लिए
उसे चाहना ही
सच्चा प्यार हैं।

ज़िन्दगी एक बार
मिलती हैं,
अपने खेल खेलती हैं,
हर रोज़ नयी कहानी
जन्म लेती हैं,
इसमें कोई भी
मन सा कभी भी
मिल सकता हैं,
और कभी मन सा
बनाना पड़ता हैं।

सच्ची चाहत को
बयाँ करना आसान नही हैं,
आसान हैं उसे महसूस करना
ग़र ज़िंदगी देती हैं ये मौका।

कभी लंबे साथ भी अधूरे रहते हैं
कभी कुछ पल के साथ हमेशा रहते हैं...

6 comments:

सुनीता शानू said...

बहुत सुन्दर बेहद खूबसूरत एसा लगता है जैसे मेरे शब्द आपने छीन लिये जो मै महसूस करती हूँ आपकी कलम ने लिख डाला...बहुत अच्छा लगा...

सुनीता(शानू)

Udan Tashtari said...

कभी लंबे साथ भी अधूरे रहते हैं
कभी कुछ पल के साथ हमेशा रहते हैं...


---बहुत खूब. इन दो पंक्तियों में तो मानो पूरी बात ही कह दी आपने. बधाई..अति सुन्दर.

Rachna Singh said...

make yourself complete in yourself and then enjoy all the other relationships

मीनाक्षी said...

कभी लंबे साथ भी अधूरे रहते हैं
कभी कुछ पल के साथ हमेशा रहते हैं...
बहुत सुन्दर वर्णन ।
इन दो पंक्तियों में तो जैसे जीवन का सार छिपा है।

Anonymous said...

The very best one..
bilkul sahi kaha aapne.. bina kisi baat ki apeksha kiye huye, bina kisi baat ki asha kiye huye.. kisi ko apna bana lena, yehi chah hain..!!

Unknown said...

WELL...........UR LINES ARE LIKED BY SOMEONE WHOM I LOVED VERY MUCH........AND STILL LOVE........AND EITHER WAY........UR LINES ARE SIMPLE AND VERYMUCH TRUE.......